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मोतीपुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एएनसी क्लिनिक का आयोजन

मोतीपुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एएनसी क्लिनिक का आयोजन

 


मोतीपुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एएनसी क्लिनिक का आयोजन, मातृ स्वास्थ्य की दिशा में बड़ा कदम

372 गर्भवती महिलाओं की जांच, गुणवत्तापरक सेवाएं उपलब्ध

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने और गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलताओं की समय रहते पहचान के उद्देश्य से गुरुवार को सीएचसी मोतीपुर के अंतर्गत आने वाले 38 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों / उप स्वास्थ्य केंद्रों  पर एएनसी (प्रसव पूर्व देखभाल) क्लिनिक का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में आयोजित इस क्लिनिक में  372 गर्भवती की स्वास्थ्य जांच की गई।

जांच के दौरान गर्भवती का वजन, रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर और यूरिन प्रोटीन की जांच की गई। साथ ही टीडी का टीका लगाया गया तथा गर्भस्थ शिशु की स्थिति, विकास और हृदयगति की भी जांच की गई। महिलाओं को आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी दी गईं।

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सेवाओं से लाभ:-

सीएचसी अधीक्षक डॉ. थानेदार ने बताया कि अब ज़्यादातर उप स्वास्थ्य केंद्र आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन गए हैं, जहां सीएचओ तैनात हैं और टेली कंसल्टेशन की सुविधा भी है। इससे जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह दिलाना आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि ये केंद्र गांव के पास ही होते हैं, जिससे महिलाओं को जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। इससे नियमित जांच और भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे उप स्वास्थ्य केंद्र आरोग्य मंदिर में तब्दील रहे हैं, वैसे-वैसे स्वास्थ्य सेवाएं भी लोगों के जीवन का सहज हिस्सा बन रही हैं।"

क्या होती है उच्च जोखिम गर्भावस्था?-

डॉ. थानेदार ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान चिकित्सकीय जातिलताएं जैसे – उच्च रक्तचाप, एनीमिया, मधुमेह, बार-बार गर्भपात का इतिहास, उम्र 35 वर्ष से अधिक या 18 वर्ष से कम होना, पिछले प्रसव ऑपरेशन से होना, उच्च जोखिम गर्भावस्था के अंतर्गत आता है। ऐसे मामलों में अतिरिक्त निगरानी और विशेषज्ञ परामर्श आवश्यक होता है।

बीसीपीएम अजय यादव ने बताया कि एएनसी क्लिनिक पर गर्भवती को संस्थागत प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, स्तनपान, टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात सावधानियों और परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी परामर्श दिया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई।  

"एएनसी क्लिनिक गर्भवती महिलाओं को समय से देखभाल देने और मातृ मृत्यु दर घटाने की दिशा में अहम कदम है। अपील है कि वे हर गुरुवार नजदीकी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जांच जरूर कराएं, ताकि जटिलताओं की समय रहते पहचान हो सके और माँ एवं शिशु दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।