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मुकदमा दर्ज करने का  कोर्ट ने दिया आदेश

मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिया आदेश



मुकदमा दर्ज करने का  कोर्ट ने दिया आदेश

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। मु.सं. 2119/2025, यूपीबीएच 04_022673_2025 अबुबक्र बनाम अभय शर्मा आदि धारा_173(4) बी.एन.एस.एस.थाना रामगांव से संबंधित एक मामले में अधिवक्ता अब्दुल अजीज द्वारा अपने मुवक्किल के मामले को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने मुवक्किल द्वारा लगाए गए आरोप को प्रस्तुत किया गया कि उनका मुवक्किल अबुबक्र राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बहराइच में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात है। और वहीं तैनात विपक्षी संख्या 1_अभय शर्मा 2_धर्मेंद्र कुमार 3_स्मृति शर्मा व 4_दो अज्ञात से इनका मामला है। जिसमें विपक्षी संख्या 3 उक्त प्रशिक्षण संस्थान में प्रधानाचार्या के पद पर तैनात हैं। और विपक्षी संख्या 2_ काफी अर्से से कार्यदेशक कैसरगंज राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में तैनात हैं, जिसे विपक्षी संख्या 3 ने नियम विरुद्ध तरीके से बहराइच में संबद्ध कर रखा है। और विपक्षी संख्या 1 उक्त संस्थान में स्टोर कीपर/भंडारी के पद पर तैनात है।

आरोप है कि अबुबक्र द्वारा दिनांक 02.05.2025 को आकस्मिक अवकाश का प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसे विपक्षी संख्या 2 व 3 ने निरस्त कर दिया था। अबुबक्र का आरोप है कि तबियत खराब होने की स्थित में दूसरे सुरक्षा कर्मी मोहम्मद आरिफ के साथ वह दिन के दो बजे से ड्यूटी करने आ गया था और शाम लगभग 5.30 पर अचानक रंजिशन विपक्षी संख्या 3 की साजिश से विपक्षी संख्या 1 व 2 अपने साथ दो अज्ञात बदमाश के साथ ड्यूटी स्थल पर पहुंचकर गाली गलौज करते हुवे जान से मारने की धमकी देने लगे और चारों ओर से घेर कर लात, घूंसा, मुक्का व थप्पड़ मारने लगे इस दौरान सोने की चैन व मोबाइल आदि भी छीन लिया।

अबुबक्र का आरोप है कि चूंकि वह हार्ट पेशेंट है और वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा। और दो अज्ञात सहित सुरक्षा कर्मी मोहम्मद आरिफ मौके से भाग गए। होश आने पर थाना रामगांव में जाकर सूचना दिया लेकिन थाने में न तो हमारी रिपोर्ट दर्ज की गई और न ही मेरा मेडिकल कराया गया। मैं स्वयं इलाज कराने मेडिकल कॉलेज गया जहां डाक्टरों ने मेरी हालत को देखते हुवे मेडिकल कॉलेज लखनऊ रेफर कर दिया। जहां दो दिनों तक मेरा इलाज चला। जिसकी सूचना पंजीकृत डाक से पुलिस अधीक्षक को भी दी गई। फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।जबकि एक झूठी रिपोर्ट मेरे विरुद्ध ही दर्ज कर ली गई। जबकि मैं निर्दोष था। 


अधिवक्ता अब्दुल अजीज द्वारा बताया गया कि उक्त के क्रम में सक्षम न्यायालय की विद्वान जज द्वारा संबंधित प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया गया है कि मामले में समुचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करना सुनिश्चित करें एवं अनुपालन आख्या प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति के साथ न्यायालय में प्रेषित करना सुनिश्चित करें।