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 डॉ अफरोज अहमद, मा. सदस्य/न्यायाधीश राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न

डॉ अफरोज अहमद, मा. सदस्य/न्यायाधीश राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न

 


डॉ अफरोज अहमद, मा. सदस्य/न्यायाधीश राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न

पर्यावरण संरक्षण को अपना धर्म मानते हुए करें कार्य : डॉ अफरोज 

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। जिला पर्यावरण प्रबन्धन कार्ययोजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पर्यावरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के मा. सदस्य/न्यायाधीश डॉ. अफरोज अहमद ने जिले के अधिकारियों को पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए अपेक्षा की कि पर्यावरण संरक्षण को अपना धर्म मानते हुए कार्य करें। डॉ. अहमद ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि यदि एक पेड़ कटता है तो उसके स्थान पर हमें 10 पौधे रोपित किये जाय। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि क्षेत्र में निकलकर कार्य करें इससे आपकी जानकारी में इज़ाफा होगा।

डॉ. अहमद ने जिलाधिकारी मोनिका रानी के कार्यों के प्रति तत्परता की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनपद के सभी विकास खण्ड भूगर्भीय जल स्तर को लेकर सुरक्षित ज़ोन में है। लेकिन हमें हाथ पर हाथ रखकर बैठने की आवश्यकता नहीं है। भूगर्भीय जल स्रोत ईश्वर की ओर से मानव को दिया गया एक शानदार उपहार है। इसे स्वयं के लिए तथा आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित तथा प्रदूषण से मुक्त रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है। भूगर्भीय जल के स्तर को बनाये रखने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। सरकारी व गैर सरकारी परिसर व भवनों में रिचार्ज सिस्टम को जनरेट करना होगा तथा आमजनमानस को भी वाटर रिचार्जिंग के महत्व को समझाना होगा। 

डॉ. अहमद ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण मात्र सरकारी प्रयासों से नहीं किया जा सकता है इसके लिए आमजन की सहभागिता बहुत आवश्यक है। उन्होने डिस्टीलरी से उत्सर्जित होने वाले वेस्ट के प्रबन्धन के सम्बंध में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि डिस्टीलरी आदि बड़े प्रोजेक्ट में नियमानुसार अधिक से अधिक भू-भाग पर ग्रीन बेल्ट का विकास किया जाय तथा आटो मोबाइल के द्वारा उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण को न्यून से न्यूनतम करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी खनन गतिविधियों पर कठोर कार्यवाही की जाय तथा खनन सम्बन्धी अनुज्ञा पत्र जारी करते समय यह सुनिश्चित किया जाय कि इससे वन्य जीवों विशेषकर कछुआ व घड़ियाल के पर्यावास को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे। डॉ. अहमद ने पर्यावरण को सुरक्षित व सवंर्धित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों को अनाधिकृत अवैध कब्ज़ों से मुक्त करने का सुझाव दिया। 

डॉ. अहमद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस वर्ष के पर्यावरण दिवस को प्लास्टिक मुक्त दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया है। उन्होनें कहा कि हमें अपनी आदतों में सुधार लाकर कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग करने तथा सिंगल यूज्ड़ प्लास्टिक के उपयोग को बन्द करना होगा। उन्होंने सीएमओ को बायो मेडिकल वेस्ट निर्धारित मानक के अनुसार निस्तारण कराये जाने तथा नियमित रूप में पर्यवेक्षण करते रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निर्धारित स्थानों से अलग कूड़ा कचरा फेंकने पर पहले रू. 5,000=00 तथा दूसरी बार ऐसा करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध रू. 25,000=00 का अर्थदण्ड लगाये जाने के बारे में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जन मानस को जागरूक किया जाय। डॉ. अहमद ने ठोस व तरल कूड़ा निस्तारण में उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई के साथ अनुपालन करने का भी निर्देश दिया। डॉ. अहमद द्वारा अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कूड़ा कदापि जलाया न जाये। कूड़ा निस्तारण हेतु ग्राम पंचायतवार डीपीआर तैयार कर उक्त का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जायें।

डॉ. अहमद ने लिक्विड वेस्ट सीवेज उत्सर्जन की जानकारी लेते हुए निर्देश दिया कि भूमि अथवा जलस्रोतो में अनट्रीटेड सीवेज नहीं जाना चाहिए। उन्होंने आवश्यकता के अनुरूप नियमाुनसार एस.टी.पी. बनवाये जाने का निर्देश दिया। आगामी वृषाऋतु में प्रस्तावित वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों केे बारे में बताया गया कि लक्ष्य 75 लाख के सापेक्ष लगभग 01 करोड़ पौध तैयार किये गये हैं। डॉ. अहमद ने सुझाव दिया कि एग्रो फारेस्ट्री के अन्तर्गत कृषकों को सागौन, नीम, नींबू, जामुन, सहजन प्रजाति के पौधों के रोपण हेतु प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान डीएम द्वारा अवगत कराया गया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में अपशिष्टों को पृथकीकरण सेन्टर तक ले जाया जाता है एवं इस कार्य में स्वयं सहायता समूहों को सम्मिलित किया जाता है जिस पर डॉ. अहमद द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी। डीएम ने यह भी कहा कि वृक्षारोपण अभियान के दौरान जिले में हर आंगन में एक सहजन का वृक्ष रोपित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। 

बैठक का संचालन करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट बी. शिव शंकर ने जनपद में ठोस व तरल अपशिष्ट, बॉयो मेडिकल अपशिष्ट, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन एवं उसके निस्तारण के सम्बन्ध में विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया। बैठक के अन्त में डीएम, एसपी राम नयन सिंह व सीडीओ मुकेश चन्द्र ने डॉ. अहमद को स्मृति चिन्ह व रूद्राक्ष का पौध भेंट किया गया। इस अवसर मा. सदस्य अल्पसंख्यक आयोग सम्मान अफरोज, एडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव, सीएमओ डॉ संजय कुमार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, एसडीएम व अन्य सम्बिन्धित मौजूद रहे।