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 अभियान संचालित कर गांव-गांव रोपित किये जायेगें हरिशंकरी पौध

अभियान संचालित कर गांव-गांव रोपित किये जायेगें हरिशंकरी पौध



अभियान संचालित कर गांव-गांव रोपित किये जायेगें हरिशंकरी पौध 

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। जियो टैगिंग व हरितिमा ऐप के क्रियान्वयन तथा जनपद के सभी ग्रामों हरीशंकरी पौध, प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक जलस्रोतों के जीर्णाेद्धार तथा शहरी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबन्धन के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से प्राकृतिक खेती, पर्यावरण संरक्षण तथा प्राकृतिक जलस्रोतो के संरक्षण के लिए क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था लोक भारती टीम के पदाधिकारी व सदस्य तथा सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। 

बैठक के दौरान लोक भारती टीम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल सिंह ने हरीशंकरी पौधरोपण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक ही खड में पीपल, बरगद व पाकड़ का पौधा एक साथ रोपित करने से एक ही स्थान पर बहुत विशाल छायादार वट वृक्ष तैयार होगा जो लम्बे अन्तराल तक ग्रामवासियों को ठंडी छांव के साथ-साथ जीवनदायनी आक्सीजन प्रदान करता रहेगा। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हरीशंकरी पौध का अध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ आक्सीजन का उत्सर्जन करने के कारण जनस्वास्थ्य के दृष्टि से भी यह पौध अत्यन्त उपयोगी हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक ग्राम में कम से कम एक स्थान पर हरीशंकरी पौध का रोपण अवश्य किया जाय। बैठक में निर्णय लिया गया कि 31 जुलाई को जनचेतना के साथ जिले की सभी ग्राम पंचायतों में समारोहपूर्वक हरीशंकरी पौध रोपण किया जायेगा।

राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय ने बताया कि जनपद में विषमुक्त प्राकृतिक खेती की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान जनपद बहराइच के विकास खण्ड तजवापुर अन्तर्गत सभी ग्रामों में विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों तथा प्राकृतिक खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों के सहयोग से प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री उपाध्याय ने बताया कि अधिक उपज प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से जहां उत्पादित होने वाले अन्न मानव शरीर के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति भी झीण हो रही है। उन्होंने कहा कि गौआधारित प्राकृतिक खेती ईको फ्रेंडली होने के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाने में उपयोगी है।

संगठन की उपाध्यक्ष मोनिका भोनवाल ने नगरीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के लिए गीले कूड़े के सुरक्षित निस्तारण के सम्बन्ध में उपयोगी सुझाव देते हुए कहा कि नगरवासी अपशिष्ट प्रबन्धन से तैयार की गई जैविक खाद का उपयोग गृह वाटिका में कर सकते हैं। इस सम्बन्ध में नगर पालिका परिषद बहराइच की ईओ प्रमिता सिंह ने बताया कि नगर के 05 वार्डों शखैयापुरा, मेवातीपुरा, बड़ीहाट, खत्रीपुरा व अकबरपुरा में लोगों को गीले कूड़े से कम्पोस्ट खाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिलाया गया है। 

डीएम मोनिका रानी ने कहा कि मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का विज़न है कि गांव गांव में हरीशंकरी पौधरोपण हो तथा एक जनपद एक नदी का पुनरूद्धार किया जाय। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों के आयोजन सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहयोग मिलता है तथा आमजन में चेतना का विस्तार होता है। बैठक के दौरान डीएफओ बहराइच राम सिंह यादव ने जियो टैगिंग व हरितिमा ऐप क्रियान्वयन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल, डीडीओ राज कुमार सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।