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नशा नाश की जड़ है : कथावाचक सर्वेश महाराज

नशा नाश की जड़ है : कथावाचक सर्वेश महाराज

 


नशा नाश की जड़ है : कथावाचक सर्वेश महाराज 

वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। पयागपुर के खजुरार गांव में चल रही संगीतमय श्री कृष्ण कथा में अयोध्या धाम से आए प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश जी महाराज ने कहा कि पांच वर्ष के श्री ध्रुव जी परमपिता को प्राप्त कर लिया था श्री नारद जी ने मंत्र दिया और कहा जाओ वृन्दावन के जंगल में तुम्हे प्रभु मिलेंगे अगर कुछ पाना है तो आप में जुनून हो तो जरूर आप को ओ चीज प्राप्त हो जाएगी आज के युवाओं को चाहिए कि स्नान के बाद पूजा पाठ में मन लगे जप करें माता-पिता का सम्मान करें माता-पिता प्रत्यक्ष देवी और देवता है उनका अभिवादन करें ना कि अपमान करें जो बालक अपने माता-पिता के आज्ञा का पालन करता है वह बहुत आगे जाता है लेकिन आज का युवा नशा में व्यसन में लिप्त है उसे यह नहीं पता है की आने वाले समय में मेरा क्या होगा।

 आज का युवा हेलमेट लगाकर बाइक नहीं चलना चाहता है जबकि हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नहीं अपितु अपनी सुरक्षा के लिए लगाना है बहुत समझाने की जरूरत है हमारी जो पीढ़ी है उसको संस्कारवान बनाया उत्तानपाद में ध्रुव जी को संस्कार दिया माता सुनीति में जो संस्कार दिया उसका परिणाम स्वरुप भगवान प्रभु को पाना ध्रुव जी को हुआ तुलसीदास जी श्री रामचरितमानस में लिखते हैं ध्रुव संगलानि जपेऊ हरि नाऊ पायेऊ अचल अनुपम ठाऊ कथा के दौरान आयोजक सुधीर कुमार द्विवेदी, नीलम ,शिवांशी,दया शंकर तिवारी, बच्चारामआदि मौजूद रहें।